What is Plastic Money

What is Plastic Money : प्लास्टिक मनी क्या है जाने हिंदी में

What is Plastic Money : आज हम लोग प्लास्टिक मनी के बारे में जानेंगे (Know About ATM Card ) जिसमें ATM आता हैI एटीएम को बेसिकली दो भागों में बांटा गया है I क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में I एटीएम पर देखते होंगे VISA, Master Card या RUPAY लिखा होता हैII यह एटीएम पर क्यों लिखा होता है।  और इसमें से कौन सा बेटर होता है।  भारत सरकार ने और RBI ने किस नियम के तहत मास्टर कार्ड को नए कार्ड इशू करने पर बैन लगा दिया है तो आज के इस पोस्ट में हम इन्हीं जानकारियों पर बातचीत करेंगे तो बने रहे हमारे साथ I ( What is Plastic Money )


What is Plastic Money

ATM का पूरा नाम Automated Teller Machine है। इसका खोज 1967 में इंग्लैंड में किया गया था। लेकिन इसके खोजकर्ता का नाम था John Shepherd-Barron इनका जन्म 23 जून 1925 को भारत के मेघालय राज्य में हुआ था। अगर हम देखे तो या एक भारतीय थे। ATM की आवश्यकता क्यों पड़ी।आज देखे तो एटीएम का बहुत ज्यादा उपयोग बढ़ गया है। पहले क्या होता था कि आपको अगर बैंक से पैसे निकालना होता था। 

तो आप बैंक में जाकर फॉर्म भरकर कि आप पैसे निकाल पाते थे। और यह तभी काम आती थी जब बैंक खुला रहता था और इसमें समय भी काफी लग जाते थे। Sunday के दिन तो बैंक ऑफिशियल बंद रहता है। त्यौहार के दिन रात में आप इसे 24 घंटे पैसे नहीं निकाल पाते थे।

इसी समस्या को दूर करने के लिए एटीएम को काम में लाया गया। एटीएम से पैसे निकालने के लिए आपको बैंक में नहीं जाना पड़ेगा। इससे आप डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड की मदद से आप 24 घंटा 7 दिन 365 दिन आप कभी भी पैसे निकाल सकते हैं। इससे आप उतने ही पैसे निकाल सकते हैं जितने कि आपके बैंक अकाउंट में होगा।

प्लास्टिक मनी क्या होता है?

आजकल डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग के इस दौर में प्लास्टिक मनी यानी डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ गया है। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड को ही प्लास्टिक मनी कहा जाता है।
1. Debit Card
2. Credit Card

Debit card क्या होता है?

देखे तो डेबिट कार्ड से आप खुद के पैसे खुद के बैंक में जमा पैसे को निकालने का एक रास्ता होता है। यानी समझे तो अगर आपके बैंक के खाता में पैसे खत्म हो जाएं तो यह कार्ड कोई काम का नहीं रहता है। डेबिट कार्ड को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि इसमें कई प्रकार के सुरक्षा कोड दिए जाते हैं देखे तो पहले इश्क पर 16 अंक का एटीएम कार्ड नंबर होता है फिर उस पर एक्सपायरी डेट होता है.

फिर (Card Verification Value) यानी CVV नंबर होता है। इसमें पैसा निकालते समय ATM  pin की जरूरत पड़ती है जो कि याद करके रखनी पड़ती है। कार्ड खो जाने के बाद भी आप को कोई नुकसान नहीं होता है। क्योंकि ATM  pin केवल आपको पता रहता है इसी कारणों से डेबिट कार्ड को ज्यादा सुरक्षित माना गया है।

Credit Card क्या होता है?

पहले के जमाने में हमें लोन लेने के लिए अपने रिश्तेदार या व्यापारियों से 5% 10% माह ब्याज पर पैसे लेने पढ़ते थे। जबकि बैंक काफी सस्ता लोन देती है। यह साल का 5% 10% ब्याज लेती है। लेकिन बैंक का लोन लेने में आपको 15 से 20 दिन का समय लग जाता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए बैंक ने लोगों को क्रेडिट कार्ड देना शुरू कर दिया। इसमें आपका पैसा नहीं है। समझे तो जितना आप क्रेडिट कार्ड से पैसे लेते हैं उतना आपको लौटाना भी पड़ता है। 

जो आप पहले बैंक से लोन लेते थे वह अब आपको क्रेडिट कार्ड से मिल जाएगा। यह क्रेडिट कार्ड सब को नहीं मिलता है जिस ग्राहकों पर बैंक को विश्वास होता है कि यह पैसा लौटा देगा। तो उसी को वह कार्ड देती है। उस क्रेडिट कार्ड से वह जब चाहे रात दिन 24 घंटे उससे लोन निकाल सकती है। लेकिन इसमें भी लोन की लिमिट होती है शुरुआत में इसे 25000 का लिमिट दिया जाता है।

धीरे-धीरे उसे बढ़ाया जाता है और उसे तीन लाख तक कर दिया जाता है। और आप इस लोन को 30-40 दिन तक बिना किसी भी ब्याज का (इस पर एक भी रुपया ब्याज नहीं लगेगा) आप बैंक को पैसा वापस कर सकते हैं। डेबिट कार्ड की तुलना क्रेडिट कार्ड को बंद करना या ब्लॉक करना काफी आसान होता है।

अगर आपने एटीएम कार्ड को ध्यान से देखा होगा तो इस पर बैंक का नाम और इस रुपए, विजा, मास्टरकार्ड लिखा होता है। यही 3 कार्ड आपको ज्यादा देखने को मिलता है यह क्या चीज होते हैं।

Card network की जरूरत क्यों पड़ी

शुरुआत में जब एटीएम कार्ड का उपयोग किया गया था। उस समय जिस बैंक का एटीएम कार्ड है। आप उसी बैंक के एटीएम से पैसे निकाल सकते थे। समझे तो अगर आप आपके पास SBI का एटीएम कार्ड है तो आप SBI के एटीएम से ही पैसे निकाल सकते थे। अब ना ऐसा है कि किसी भी बैंक का एटीएम कार्ड है किसी एटीएम से पैसा निकाल लो पहले ऐसा नहीं था।

जैसे लोगों का आकर्षण बैंक की तरफ बढ़ा तो बैंक में बहुत भीड़ लगने लगा। तो पता चला किसी के पास पैसे की जरूरत है और उसके पास PNB के एटीएम कार्ड है तो PNB एटीएम में काफी भीड़ है तो वह किसी और बैंक के एटीएम से पैसे नहीं निकाल सकता| ऐसा होता क्यों था

What is Plastic Money Know  in Hindi

जैसे मान कर चलिए मेरा ICICI में खाता है और मैं चला गया SBI के एटीएम में पैसा निकालने| तो हम एटीएम कार्ड का उपयोग करेंगे तो उसे क्या पता कि हम कौन हैं| मैंने खाता तो ICICI ने खुलवाया है| तो मेरा नाम, डेट ऑफ बर्थ और सारी जानकारी तो ICICI बैंक के पास है।

तो उसी कारण से पहले अलग एटीएम से पैसे नहीं निकाल पाते थे। क्योंकि उस एटीएम को पता ही नहीं था कि मैं कौन हूं क्योंकि बैंक अपनी जानकारी किसी भी बैंक के साथ शेयर नहीं करती है। तो अगर बैंक अपना डाटा शेयर नहीं करेगातो अगर बैंक अपना डाटा शेयर नहीं करेगा तो दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे कैसे निकालिए गा। तो इसी में काम आता है कार्ड नेटवर्क।

Card network क्या है?

अलग-अलग बैंक है मान के चलिए पीएनबी, एसबीआई तो जितने भी बैंक है। जो आपको एटीएम कार्ड देते हैं। उन बैंकों को कहते हैं card issuer अब card issuer में क्या होता है| Card issuer मैं बैंक होते हैं। तो हर बैंक में जैसे मेरा खाता है पीएनबी में तो मेरी जानकारी पीएनबी के पास है तो पीएनबी क्या करेगा वह कार्ड नेटवर्क को सारी जानकारी दे देगी। जो मेरे कार्ड पर नेटवर्क लिखा होगा जैसे विजा, मास्टरकार्ड यार रुपए लिखा होगा।

अब मेरी जानकारी दो लोगों के पास है एक बैंक के पास दूसरा कार्ड नेटवर्क के पास अब इसका नियम होता है कि यह जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें ।अब क्या होगा मान के चलिए मेरा एसबीआई में पैसा था। और हम चले गए पीएनबी से पैसा निकालने के लिए तो पीएनबी को मेरे बारे में पता ही नहीं है। 

What is Plastic Money

और वह डायरेक्ट एसबीआई से पूछ नहीं सकता है और पूछेगा तो एसबीआई बताएगा भी नहीं। तो एसबीआई ने अपनी जानकारी कार्ड नेटवर्क को दे रखा है। मान के चलिए मेरे पास वीजा कार्ड था तो मेरी जानकारी वीजा के पास भी था।

तो मेरी जानकारी पीएनबी एटीएम एसबीआई से नहीं मांगेगा वह मेरी जानकारी वीजा कार्ड नेटवर्क से मांगेगा। और वीजा उसे उपलब्ध करा देगा। इस आदमी के पास पैसा है इसका खाता इस बैंक में है आप इसका पैसा निकाल कर दे दीजिए। तो अब आप समझ गए किसी भी बैंक एटीएम कार्ड का पैसा किसी भी एटीएम से निकाल सकता है। किसके माध्यम से तो कार्ड नेटवर्क के माध्यम से।

RUPAY,VISA or Master Card मैं बेस्ट कौन है?

VISA है जो USA की कंपनी है यह भारत में लगभग 50% मार्केट कैप्चर कर रखी है।Master Card भी USA की कंपनी है यह भारत में लगभग 20% मार्केट कैप्चर कर रखी है। इसका कहना है कि हम आपका पैसा देश में और विदेश में भी निकाल सकते हैं। मतलब आप विदेश में पैसा निकालना चाहिए गा तो इससे निकाल सकते हैं। जबकि RUPAY कार्ड भारत की कंपनी है। यह शुरुआत में केवल भारत में चल रहा था।

लेकिन इस कार्ड ने एक प्लेटिनम कार्ड बनाया है जो विदेशी है। हमारा सुझाव है कि स्वदेशी बनिए हमारा देश है हम ही लोग इसे आगे बढ़ा सकते हैं। इसीलिए रुपए कार्ड इस्तेमाल कीजिए और देश का पैसा और जानकारी देश में रखिए।

Master Card बंद क्यों हुआ?

अब समझिए VISA or Master Card यह सभी विदेशी कंपनी है। यह विदेशी कंपनी में खराबी क्या थी कि यह आपका डाटा तो ले लेते थे। अब यह डाटा सेव कैसे करेंगे जैसे हम लोग को कोई जानकारी सेव करना है तो आप उसे मोबाइल में सेव कर लेते हैं। फोटो सेव करना है तो गैलरी में सेव कर लेते हैं।

बहुत ज्यादा चीज सेव करना है तो आप हार्ड डिस्क में सेव कर लेते हैं। लेकिन पूरी दुनिया का डाटा रखना है तो आपको डाटा हाउस बनाना पड़ता है। बहुत बड़ा पूरी इमारत होती है जिसमें हार्ड ड्राइव होता है। इसी में सब का डाटा होता है । अब मास्टरकार्ड क्या था उसका यह डाटा वाला जो केंद्र था वह भारत में था ही नहीं।

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